माता पार्वती को प्रसन्न करने और उनकी भक्ति में डूबने के लिए लोग माता रानी का जागरण करते हैं. इस आयोजन में भक्त भक्तिमय गीतों के जरिये अपने ऊपर कृपा दृष्टि बनाये रखने की प्रार्थना करते हैं. इस दौरान माता की चौकी लगाई जाती है, जिसमें माता रानी का दरबार फूलों द्वारा सजाया जाता है
Shri Nath brijfolk Group
Shri nath Brij folk Group माता रानी की पूजा को विशेष बनाता है जिसमे महिला पुरुष गायक कलाकार माता की भेंट व लांगुरिया गाकर माता का गुणगान करते हैं माता के सुन्दर दरबार एवम फूल बंगला की व्यवस्था कराता है आपके जागरण को और आकर्षित बनाने के लिए झांकियां जैसे शंकर-पार्वती, राधा-कृष्ण, माता काली, शेरा वाली माता, हनुमान जी, आदि के द्वारा सुंदरता प्रदान की जाती है
विभिन्न प्रकार के जागरण
1. देवी जागरण 2. खाटूश्याम जागरण व भजन संध्या 3. माता की चौकी 4. झारपीर जागरण 5. शिव विवाह महोत्सव 6. श्री राम विवाह महोत्सव 7. तुलसी सालिगराम विवाह
नवरात्रि हिंदुओं का एक प्रमुख पर्व है। नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘नौ रातें’। इन नौ रातों के दौरान माता पार्वती के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ, अश्विन मास में प्रतिपदा से नवमी तक वर्ष में चार बार आता है
नवरात्र में भजन कीर्तन व जागरण का आयोजन करना शुभ माना जाता है
पूजन के बिना जागरण अपूर्ण
मातारानी के जागरण में माता सरस्वती, निंद्रा माता एवं हनुमान जी की पूजा की जाती है. मां सरस्वती को ज्ञान, साहित्य, संगीत और कला की देवी स्वरुप पूजा जाता है. माता सरस्वती का सम्बन्ध बुद्धि से है जो इन्सान को ज्ञानी बनाती है, माना जाता है कि जो लोग निंद्रा पर विजय पा लेते हैं उसे ही मां सरस्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है. जागरण में बजरंगबली का पूजन भी अनिवार्य है.
नवरात्रीजागरण के दौरान दुर्गा सप्तशती का पाठकरना अनिवार्य है और इसमें 13 अध्याय हैं, पूरे 9 दिनों तक माता दुर्गा जी का यह पाठ करना चाहिए
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