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कहां होती है 40 दिनों की होली

क्या आप जानते हैं कहां खेली जाती है 40 दिनों की होली! आइए जानते है होली के त्योहार के बारे में

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brasane ki laddo holi
barsane ki holi

देशभर में इस त्योहार को अलग अलग तरीके से मनाया जाता है।
कोई होलिका दहन के दिन होली मनाता है, कोई धुलेंडी के दिन तो कोई रंगपंचमी के दिन।
हलांकि इस त्योहार की धूम होलिका दहन के दिन से ही शुरू हो जाती है।
उत्तरप्रदेश और बिहार में इसे फाग या फागु पूर्णिमा कहते हैं,

बरसाने की होली हुड़दंग

लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं, मिठाइयां बांटते हैं, भांग का सेवन करते हैं
प्रत्येक व्यक्ति रंगों से सराबोर हो जाता है।कई तरह से होली खेलते हैं, रंग लगाकर, डांडिया खेलकर, लट्ठमार होली आदि।
लेकिन बरसाने की होली हुड़दंग का जोरदार मजा देखने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं
ब्रज में वसंत पंचमी से होली के त्योहार की शुरुआत हो जाती है।इसी दिन होली का डांडा गढ़ जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन राधारानी को 56 भोग का प्रसाद लगता है।अष्टमी के दिन बरसाने का एक-एक व्यक्ति नंदगांव जाकर होली का निमंत्रण देता है।
नवमी के दिन से होली की हुड़दंग मचती है। होलिका दहन के ठीक पांचवें दिन रंग पंचमी मनाई जाती है।
नंदगांव के पुरुष नाचते-गाते छह किलोमीटर दूर बरसाने पहुंचते हैं।
सभी राधारानी मंदिर के दर्शन के बाद लट्ठमार होली खेलने के लिए रंगीली गली चौकमें जमा होते हैं लट्ठमार होली खेलने के लिए
दशमी के दिन इसी प्रकार की होली नंदगाँव में होती है

16वीं शताब्दी में हुई थी शुरुआत।

बरसाना में लट्ठमार होली राधारानी और श्रीकृष्ण के प्रेम का प्रतीक है.
रंगीली गली में द्वापरयुग में श्रीकृष्ण ने राधारानी और गोपियों के साथ
होली खेलने की शुरुआत की थी.
तब से आज तक ये परंपरा चली आ रही है.
हर साल होली से कुछ दिन पहले
रंगीली गली (Rangili Gali) में लट्ठमार होली का आयोजन किया जाता है.
नंदगांव के पुरुष राधारानी के मंदिर पर झंडा फहराने की कोशिश करते हैं,
बरसाने की महिलाएं लट्ठ से खदेड़ने का प्रयास करती हैं।
पुरुष महिलाओं पर गुलाल छिड़ककर उन्हें चकमा देकर झंडा फहराने का प्रयास करते हैं।
पकड़े जाते हैं तो जमकर पिटाई होती है,
उन्हें महिलाओं के कपड़े पहनाकर सामूहिक रूप से नचाया जाता है।
रंगीली गली से चौक तक पूरा इलाका होली के रंग और रस में डूब जाता है.
फाल्गुन मास की नवमी से ही पूरा ब्रज रंगीला हो जाता है,
लेकिन विश्वविख्‍यात बरसाने की लट्ठमार होली जिसे होरी कहा जाता है,
इसकी धूम तो देखने लायक ही रहती है। देश-विदेश से लोग इसे देखने आते हैं।

होली एक त्योहार है जो विश्व भर में मनाया जाता है
भारत में होली का त्योहार पूरे 40 दिन तक मनाया जाता है

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